Saturday, March 10, 2007

Untitled !

राहे है वही,
अंधेरा कहि नही,
रोशनी लाया है कोई,
खुबसुरत सुबह लेके आया है कोई,
हा शायद सपनोसे मेरे,
आया है कोई.

खुशियोंका तोहफा लाया है कोई,
तनहाई मेरी मिटाने,
चाहत दिल मे लिये आया है कोई,
सपने मेरे सजाने,
हा शायद सपनोसे मेरे,
आया है कोई.

- मदन (madan)

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