Monday, November 27, 2006

खामोशी

खामोश है जिन्दगी,
सुनता हु कभी कुछ खामोश बातें,
आंखो मे लिये सपने कई,
चला जाता हु, करके कुछ खामोश बातें ॥

दुर कहि चांद है,
आज कल ओ भी, कुछ खामोश है,
करता है ओ भी कभी कुछ खामोश बातें ॥

हरदिन तनहाई मेरी कहती है मुझसे,
उदास शामोमे मेरी वो एक दोस्त है ॥

सुनता हु कुछ खामोशी से,
सहेता हु कुछ खामोशी से,
तनहाई मेरी कहेती है मुझसे,
युना दिन गुजार खामोशीसे ॥

- मदन(Madan)

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