Tuesday, November 28, 2006

कभी युंहि

कभी युंहि दिल तडपता है
दिदार के लिए उनके तरसता है,
आती है जब भी यांदे उनकि,
हर लम्हा थम सा जाता है,
मनमे विरानसी खामोशी होती है,
बंद पलको पे एक चहेरा खिलता है,
बस एक उनका चहेरा नजर आता है
कभी शरमाता हुआ तो कभी मुस्कुराता हुआ
हमेशा की तरहा हमे तडपता हुआ


कभी युंहि दिल तडपता है
दिदार के लिए उनके तरसता है .........

- मदन(Madan)

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