खामोश है जिन्दगी,
सुनता हु कभी कुछ खामोश बातें,
आंखो मे लिये सपने कई,
चला जाता हु, करके कुछ खामोश बातें ॥
दुर कहि चांद है,
आज कल ओ भी, कुछ खामोश है,
करता है ओ भी कभी कुछ खामोश बातें ॥
हरदिन तनहाई मेरी कहती है मुझसे,
उदास शामोमे मेरी वो एक दोस्त है ॥
सुनता हु कुछ खामोशी से,
सहेता हु कुछ खामोशी से,
तनहाई मेरी कहेती है मुझसे,
युना दिन गुजार खामोशीसे ॥
- मदन(Madan)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment